मोनालिसा एक असलियत पेंटिंग नहीं बल्कि एक औरत है

हलकी सी मुस्काने न खुश न उदास आपकी आखो में देख देखती इस औरत को कौन नहीं जानता जिसके बारे में सबसे ज्यादा बात की गयी लिखा गया और परोडी बनाई गयी क्या आप जानते है की यह कौन थी मोनालिसा आज से 500 साल पहले इटली में एक सिल्क के कपड़ो का व्यपारी हुआ करता था नाम था फ्रांसेस्को डेल जिओकोंडो पत्नी से बहुत प्रेम किया करता था उस वक़्त लियोनार्डो दा विंसी बहुत ज्यादा मसूर नहीं थे

पर उन्होंने अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिया था अपनी पत्नी की तस्वीर कैमरा में केद करनी की चाह में व्यपारी विंसी से यह पेंटिंग बनवाई थी लिसा लियोनार्डो की तस्वीर का नाम विंसी ने लार्जियो कोंडो रखा था बाद में समय के साथ नाम बदल कर मसूर मोना लिसा हो गया पेंटिंग की जाज़ बताती है की तस्वीर को 1503-1506 तक बनाई पर यह भी अनुमान लगाया जाता है की यह पेंटिंग 1517 में तयिआर हुई थी 

इतिहासकार बताते है फ्रांसेस्को डेल जिओकोंडो दरसल में गरीब व्यपारी था पर इचाए बड़ी रखता था उसने पेंटिंग बनवा तो ली पर कभी भी विंसी को फ़ीस नहीं चूका पाया इसलिए पेंटिंग विंसी ने बना दी फिनिशिंग टच नहीं दिया 1516 में जब विंसी फ्रांस गए तो पेंटिंग को अपने साथ ले गए और वही पर इन्होंने इसे ख़तम किया विंसी मसूर हो चुके थे और मोना लिसा की पेंटिंग को उनके शिष्यों ने रख लिया फ्रांस के राजा प्रथम ने इसे सबसे पहले ख़रीदा रजा लुईस 16 ने इसे वर्सिस के महल में लगा दिया 

फ्रंसकी क्रान्ति के बाद इसे नेपोलियन में अपने बीएड रूम में सजाया कुछ समय बाद इसे लोवर के म्यूजियम में शिफ्ट करवा दिया गया कहते है 1528 में इटली में हुए प्ले भीषण के हमले में फ्रांसिस को मारा गया उसके कुछ सालो बाद लिसा ने कान्वेंट में दम थोडा कुछ लोग कहते है लिसा की मौत 63 साल की उम्र में हुई थी और कुछ का मानना है 72 साल में हुई थी कहते है की इटली उस वक़्त बाए हाथ पर दाए हाथ पर खड़े होना पत्नी के लॉयल होने का सिंबल होता था 

लिसा जिओकोंडो को सिर्फ पतिव्रता  है नहीं अपनी हैसियत से भी बड़ा दिखने की कोसिस की गयी थी हलका की कुछ लोगो का मानना है की मोना लिसी के कपड़े काले है क्युकी हाल ही उसके मरी उसकी बेटी का मातम कर रही थी पर कुछ लोगो का मानना है इस तरह का काला रंग पहना आमिर औरत की शौक में से एक था जो की फ्रांसिस कूद आमिर नहीं था 

इसलिए पेंटिंग के जरिये वो अपनी आमिर होनी की इच्छा पूरी करना चाहता था एसा भी माना गया की पेंटिंग बनाते वक़्त लिसा प्रेग्नेंट थी इसलिए दोनों हाथो से वह अपने बेबी पंख को छुपाने के कोसिस कर रही थी पेंटिंग बनाते वक़्त विंसी आउटलाइन नहीं बनाते थे अगर तस्वीर को ज़ूम करके देखे तो बैकग्राउंड और लिसा के शरीर को अलग करते हुए कोई लाइन नहीं देखेगी इस तकनीक को समो फाटो कहा गया है 

और इसी पेंटिंग स्टाइल की वजह से विंसी उस समय कुब पोपुलर हुए लिसा की आईब्रो नहीं है कुछ लोगो का मानना है की उस वक़्त लिसा ने आयेब्रो सेव कर ली औरतों के बीच फैशन था पर लेटेस्ट रिसर्च से पता चलता है की विंसी की बनाई गयी आइब्रो हलकी थी और पेंटिंग सालो साल सफाई होते होते मिट गयी मोना लिसा की हलकी सी पेंटिंग की मुस्कान ने लोगो को आज भी परेशान कर रखा है कुछ लोग मानते है यह सीधी सी औरत की मासूम सी मुस्कान है तो कुछ का मानना है यह मुस्कान और शैतानियत का मिक्सचर है कुक लोगो का कहाना है मोना लिसा के दिलो में राज़ छिपे होंगे 

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